छत्तीसगढ : दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने फूंकी ५ गाड़ि‍यां, सड़क खोदी

छत्तीसगढ : दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने फूंकी ५ गाड़ि‍यां, सड़क खोदी
1)
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के भांसी थाना क्षेत्र के कमालूर रेलवे स्टेशन पर निर्माण कार्य में लगे ५ गाड़ि‍यों को नक्सलियों ने आग लगा दी। शुक्रवार को इस वारदात को अंजाम देने के बाद वहीं शनिवार को नक्सलियों ने कटेकल्याण-मरजूम मार्ग को दिनदहाड़े खोदना शुरू कर दिया। सुरक्षा बल को आते देख भाग रहे नक्सलियों में से एक अपने ही लगाए स्पाइक होल में फंसकर घायल हो गया।
कांकेर में नक्सलियों ने पोस्टर लगाकर रावघाट रेल परियोजना का विरोध किया है। पुलिस ने मौके से पोस्टर बरामद किया है। बस्तर के आयजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि कामलूर रेलवे स्टेशन पर जलाए गए वाहनों में चार टिप्पर और एक पोकलेन शामिल थे। यहां रेलवे लाइन के दोहरीकरण का काम चल रहा था। सूचना मिलते ही भांसी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची।

2)
रेलवे लाइन के दोहरीकरण में लगे मजदूरों और ग्रामीणों में घटना के बाद से लेकर दहशत का माहौल है। कटेकल्याण-मारजूम मार्ग को बीच से खोदे जाने की पुष्टि करते हुए आयजी सिन्हा ने कहा कि पुलिस पार्टी जैसे ही कटेकल्याण से पचेर्ली मार्ग की तरफ घुसी। रास्ते में लगे नक्सलियों के संतरियों ने सड़क खोद रहे साथियों को चौकन्ना करने के लिए पटाखे फोड़ने शुरू कर दिया।
पुलिस पार्टी को रोकने के लिए नक्सलियों ने रास्ते मे बिजली के पोल भी डाल रखे थे। पोल को हटाते हुए जब तक फोर्स पहुंची, नक्सली सड़क खोदने के समान रापा, तगाड़ी, गैती, लकड़ी का बेलचा, सब्बल, छोड़कर जंगलों में भाग गए।
ग्रामीणों के अनुसार, पुलिस पार्टी के अचानक धावा बोलने से घबराए नक्सली अपने ही स्पाइक होल में जा फंसे। इसमें कटेकल्याण एरिया कमेटी के एक नक्सली का पैर बुरी तरह जख्मी हो गया।
यह वार्ता पढकर कुछ सूत्र मन में आते है, जैसे कि :
१. आज भारत में जगह-जगह जिहादी आतंकवादियों के हमले हो रहे है । जम्मू-कश्मीर में तो आए दिन या तो पाकिस्तानी सेना या आतंकी हमले करते ही है । इन हमलों में आजतक सहस्रो भारतीयों को अपनी जान से हाथ धोना पडा है, तो कर्इ सहस्र भारतीय इसमें घायल हो चुके है । कश्मीर में एैसी स्थिती है कि, वहां छोटे छोटे बच्चे भी भारतीय सैनिकों के सामने भारतविरोधी नारे लगाते है । कुछ जगहों पर तो यह भी ध्यान में आया है कि, सैनिकोंपर होनेवाली पत्थरबाजी में बच्चे भी सहभागी होते है ।
२. जिहादी आतंकवाद के बाद देश के सामने सबसे बडी समस्या है नक्षलवाद । आज भारत के कर्इ जिलोंपर इनकी ही सत्ता है एैसा प्रतीत होता है । नक्सलियों के कारण न जाने कितने आदिवासी तथा जवानों को प्राण चले गए है । नक्सली अपने आसपास के क्षेत्रों से बच्चों को उठाकर जबरन नक्सली हिंसा में सहभाग लेने लिए बाध्य करते है ।
३. यदि इस समस्या का हमें समाधान करना है, तो सरकार को जिहादी आतंकवाद तथा नक्सलवाद को जड से उखाड देने के लिए ठोस प्रयास करना आवश्यक है । हमारे सुरक्षा बल यह करने में अवश्य ही सक्षम है, बस उन्हें आवश्यकता है राजनेताआें के आदेश की ! हर भारतीय नागरिक यही अपेक्षा वर्तमान के सरकार से रखता है । नहीं तो जिहादी आतंकवादी तथा नक्सली हमारे देश को विनाश की आेर ले जाने में सफल हो जाएंगे ।

Comments

Popular Posts